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Tamil Nadu में पुलिसकर्मी ने दिव्यांग यात्री को ट्रेन में पीटा, मामला दर्ज

हाल ही में Tamil Nadu के मन्नारगुडी से चेन्नई यात्रा कर रहे एक दिव्यांग व्यक्ति के साथ ट्रेन में पुलिसकर्मी द्वारा मारपीट का मामला सामने आया है। इस घटना ने पूरे राज्य और देश में आक्रोश पैदा कर दिया है, और सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया है। पुलिस ने जांच में पाया है कि यह पुलिसकर्मी नीदामंगलम पुलिस थाने में तैनात हेड कांस्टेबल पलानी थे। इस घटना को लेकर तिरुवरूर रेलवे पुलिस ने हेड कांस्टेबल पलानी के खिलाफ दो धाराओं में मामला दर्ज किया है।

घटना का विवरण

दिव्यांग व्यक्ति, जो तिरुवरूर जिले के थेंकोवनूर क्षेत्र का निवासी है, मन्नारगुडी से चेन्नई की यात्रा कर रहा था। ट्रेन यात्रा के दौरान कोरदाचेरी क्षेत्र में तीन लोगों ने कोच का दरवाजा खोलने के लिए कहा। फिर, जब ट्रेन तिरुवरूर रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तो इन तीनों लोगों ने फिर से कोच का दरवाजा खटखटाया। इस पर कोच में मौजूद एक बुजुर्ग व्यक्ति ने दरवाजा खोला। जैसे ही दरवाजा खोला गया, तीनों में से एक व्यक्ति दिव्यांग यात्री के पास आया और खुद को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का जवान बताकर उसने पूछा कि उसने दरवाजा क्यों नहीं खोला। जब दिव्यांग व्यक्ति ने बताया कि उसके पैर नहीं हैं, तो पुलिसकर्मी ने उसका अपमान किया और कहने लगा कि उसे दरवाजा खोलने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

पुलिसकर्मी द्वारा मारपीट

इस पर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई और इसी दौरान पुलिसकर्मी ने दिव्यांग व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया। यह घटना पूरी तरह से अवैध और अमानवीय थी, जिससे न केवल उस दिव्यांग व्यक्ति का अपमान हुआ, बल्कि पूरे समाज के लिए यह एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया कि क्या ऐसे लोग जो समाज की सुरक्षा में तैनात होते हैं, उन्हें इंसानियत और सहानुभूति का कोई एहसास नहीं होता?

Tamil Nadu में पुलिसकर्मी ने दिव्यांग यात्री को ट्रेन में पीटा, मामला दर्ज

इस मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और इसके बाद तमाम लोगों ने इस घटना की कड़ी आलोचना की। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिसकर्मी दिव्यांग व्यक्ति को बेरहमी से थप्पड़ मार रहा है, जबकि वह अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहा है।

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जांच और कार्रवाई

पुलिस ने जांच शुरू की और जांच के दौरान यह सामने आया कि इस मामले में हेड कांस्टेबल पलानी का हाथ था। उन्होंने दिव्यांग व्यक्ति को पीटा और उसका अपमान किया। तिरुवरूर रेलवे पुलिस ने पलानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की दो धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। अब पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर रही है और दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

यह घटना न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समाज में आज भी कुछ लोग अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं और ऐसे मामलों में पीड़ित व्यक्ति के पास न्याय पाने के लिए कोई सहारा नहीं होता।

वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी का मामला

इस घटना के बाद, एक और गंभीर घटना सामने आई है जिसमें वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी की गई। यह घटना महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में हुई, जहां एक अज्ञात व्यक्ति ने मुंबई से सोलापुर जा रही वंदे भारत ट्रेन के C-11 कोच के शीशे पर पत्थर फेंका। इस घटना के कारण कोच का शीशा टूट गया, लेकिन किसी प्रकार की जानमाल की हानि नहीं हुई। रेलवे और प्रशासन द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

यह पहली बार नहीं है जब वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी हुई हो। इससे पहले, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में दिल्ली-ऊना वंदे भारत ट्रेन पर भी पत्थर फेंके गए थे। हालांकि, इस मामले में भी किसी के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन यह घटनाएं वंदे भारत ट्रेन की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं और रेलवे प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की आवश्यकता है।

समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता

इन दोनों घटनाओं ने समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता और अमानवीयता को उजागर किया है। एक ओर जहां दिव्यांग व्यक्ति के साथ पुलिसकर्मी का बुरा व्यवहार सामने आया है, वहीं दूसरी ओर ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटना भी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। इन दोनों घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि समाज में संवेदनशीलता की कमी बढ़ रही है, और इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।

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समाज के सभी वर्गों को यह समझने की जरूरत है कि सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाए, खासकर उन लोगों के साथ जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं या किसी अन्य कारण से असमर्थ हैं। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में और अधिक संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

तमिलनाडु के इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि हमें अपने समाज में इंसानियत और सहानुभूति के भाव को बनाए रखना चाहिए। पुलिसकर्मियों को अपने कार्यों में संयम और पेशेवर होना चाहिए। साथ ही, प्रशासन और रेलवे को भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। समाज के हर वर्ग को यह समझने की आवश्यकता है कि हम सबको एक दूसरे के प्रति सम्मान और समझदारी दिखानी चाहिए।

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